जोधपुर. बीते तीन माह में एलपीजी गैस सिलेंडर में आग लगने (Prevention of cylinder iccidents) व ब्लास्ट के दो हादसों के बाद अब जिला प्रशासन जगा है. विवाह समारोहों में इस तरह से होने वाले हादसे की रोकथाम के लिए सर्विस प्रोवाइडर की ओर से शनिवार को सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया. डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज आडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को बताया गया कि किस तरह से सिलेंडर में आग पकड़ने पर उसे बुझाया जा सकता है. वहीं, कार्यक्रम में नागरिक सुरक्षा विभाग के स्वयंसेवकों की ओर से इस तरह के उपायों की एक शॉर्ट मूवी प्रदर्शित की गई. साथ ही इस कार्यक्रम में शामिल हुए गैस एजेंसी संचालकों को उनके सिलेंडर के मेंटनेंस को लेकर भी निर्देश दिए गए.
इसके अलावा टेंट हाउस संचालक, हलवाई व कैटरिंग के लोगों को बताया गया कि थोड़ा जागरूक रहने पर वे किसी भी हादसे को समय (Instructions given to agency operators) से पहले ही रोक सकते हैं. इधर, इस जागरूकता कार्यक्रम पर जिला रसद अधिकारी अश्वनी गुर्जर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए आम लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए, ताकि आगे ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाया जा सके.
अक्टूबर में हुई 10 मौत: जोधपुर के किर्तीनगर स्थित एक घर में अवैध रूप से होने वाली गैस रिफलिंग के चलते अक्टूबर में एक बाद एक कई सिलेंडर ब्लास्ट हुए थे. जिसमें मौके पर ही चार लोग जिंदा जल गए थे. हादसे में कुल दस लोगों की मौत हो गई थी. वहीं, तीन माह बाद दिसंबर में शेरगढ़ के भूंगरा में हुए हादसे में अब तक कुल 33 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, कई अब भी अस्पताल में उपचारत हैं.